कल की चिंता छोड़कर….
इसकी उसकी मानते, जीवन जाता बीत।
सुनने को मिलते नहीं, खुशी भरे वो गीत ।।1
क्या क्या हम सब सोचते, होता है कुछ और।
मन का सब होता नहीं, नहीं समय पर जोर।।2
जो है तेरे हाथ में, उतना कर तू आज।
कल की चिंता से करें, मत तू अपने काज।।3
कल की चिंता आज कर,गया खुशी तू भूल।
मुरझाने मत दीजिए, खुशियों के सब फूल।।4
जो भी पल अब मिल रहे, जी ले उनको आज ।
कल की चिंता छोड़कर, बना खुशी के साज।।5