*कलम से सिर कलम कर दो*
जुबां से तुम वफा कर लो सुनो दिल के तरानों को
भुला कर वैर तुम सारे मिटा डालो फसानों को
वतन भी है तरसता सा हिफाज़त का नशा हो अब
कलम से सिर कलम कर दो सिलो गन्दी जबानों को
धर्मेन्द्र अरोड़ा
जुबां से तुम वफा कर लो सुनो दिल के तरानों को
भुला कर वैर तुम सारे मिटा डालो फसानों को
वतन भी है तरसता सा हिफाज़त का नशा हो अब
कलम से सिर कलम कर दो सिलो गन्दी जबानों को
धर्मेन्द्र अरोड़ा