“कलम की शक्ति”
कलम की शक्ति (मुक्तक)
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हरेक कलम में ही, शक्ति अपार हो।
हर लेखन में, सामाजिक सुधार हो।
सिर्फ लेखन से ही , होगा कुछ नहीं;
यदि लिखने वाला , सदा बीमार हो।
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…..✍️पंकज कर्ण
……….कटिहार।।