कलम का जादू चल रहा, तो संसार तरक्की कर रहा।
कलम का जादू चल रहा, तो संसार तरक्की कर रहा।
क्योंकि कलम कदम कदम पर, साथ हमारा देती है।
खुद रगड़ खाकर कागज़ पर, बलिदान अपना देती है।।
कलम का जादू चल रहा, तो संसार तरक्की कर रहा।
कलम की ताकत तो जगत की, तलवारों से भी ज्यादा है।
क्योंकि तलवार से भी तीखा वार, वो कागज़ पर करती है।।
कलम का जादू चल रहा, तो संसार तरक्की कर रहा।
कलम का जादू कैसा है? एक चमत्कार जैसा है।
एक अबोध बालक को ये, बना देती विद्वान सहसा है।
कलम का जादू चल रहा, तो संसार तरक्की कर रहा।
पर कलम के जादू को, कम समझने लगे हैं सब
पर जानते नहीं हैं वे ,कलम तो खुद ही है रब।।