बो बहाता नहींं हैं वो पी लेता हैं दर्द में आंसुओ के समुद्र क
"" *स्वस्थ शरीर है पावन धाम* ""
एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मुझे इस बात पर कोई शर्म नहीं कि मेरे पास कोई सम्मान नहीं।
మంత్రాలయము మహా పుణ్య క్షేత్రము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
आप खुद को हमारा अपना कहते हैं,
बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुझे अब भी घर लौटने की चाहत नहीं है साकी,
❤️ DR ARUN KUMAR SHASTRI ❤️
मैं ज्यादा पूजा-पाठ में यकीन नहीं करता। मैं ज्यादा मंदिर जान
तुझे देंगे धरती मां बलिदान अपना
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर