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21 Jan 2023 · 1 min read

कर्म

कर्म
🦚
विष्णुपद छंद
**********
जैसी करनी वैसी भरनी, सोचो कर्म करो ।
कर्मों के रत्नों को चुन-चुन, अपना कोष भरो ।।
जो कुछ जोड़ा है जीवन में, वही लौट मिलता ।
कूकर भी अच्छे कर्मों से, महलों में पलता ।।२

राधे…राधे…!
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
***
🌾🌾🌾

197 Views
Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
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