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16 Oct 2021 · 1 min read

कर्म ही पूजा है ।

मंदिर में जाना जरुरी नहीं।
ये कर्मभूमि है यहाँ कर्म ही पूजा है।।

यहाँ हर कई अपना है।
ना कोई पराया है ना कई दुजा है ।

राधे राधे
—ओथम—

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