कर्म।
कर्म अच्छे करो,
दुआ भी काम करती है, और बददुआ भी,
हर कर्म की अपनी राह है,
जो बोओगे, वही फल पाओगे।
अच्छाई के बीज बोओ, तो दुआ साथ चलेगी,
हर मुश्किल में भी, तुम्हें राह दिखाएगी।
मासूम दिलों की पुकार, आसमान तक पहुँच जाएगी,
तुम्हारी नेक नीयत से, दुनिया बदल जाएगी।
पर बुरा करो, तो बदुवा भी असर दिखाएगी,
दिलों की तड़प, साया बनकर साथ आएगी।
हर चोट का घाव, कभी न कभी लौटकर आएगा,
जैसे रात के बाद, अंधेरा फिर से छाएगा।
इसलिए कर्म का मोल समझो, सच्चाई को अपनाओ,
दुआओं के संग चलकर, रोशनी का दीप जलाओ।
क्योंकि दुआ भी काम करती है, और बददुआ भी,
जो कर्म तुम्हारे होंगे, वही लौटकर जरूर आएगी भी।