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19 Oct 2021 · 1 min read

कर्मफल(मुक्तक सृजन)

✒️?जीवन की पाठशाला ?️

मेरे द्वारा रचित पहला मुक्तक :-

विषय – कर्मफल(मुक्तक सृजन)

तू सुख दे -दौलत दे -तो ना के बराबर शुक्राना ?

तू दुःख दे- तो खोल देते हैं शिकवा शिकायत का खजाना ?

क्यों नहीं समझते की ये दुःख नहीं- कर्मफल हैं ?

जैसे बोओगे वही तो काटोगे

लगाओगे बीज काँटों के तो -फूल कहाँ से पाओगे

क्यों नहीं समझते की ये कांटे नहीं- कर्मफल हैं …..!

?सुप्रभात?

स्वरचित एवं स्वमौलिक

“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?

जयपुर-राजस्थान

Language: Hindi
207 Views
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