कर्मफल(मुक्तक सृजन)
✒️?जीवन की पाठशाला ?️
मेरे द्वारा रचित पहला मुक्तक :-
विषय – कर्मफल(मुक्तक सृजन)
तू सुख दे -दौलत दे -तो ना के बराबर शुक्राना ?
तू दुःख दे- तो खोल देते हैं शिकवा शिकायत का खजाना ?
क्यों नहीं समझते की ये दुःख नहीं- कर्मफल हैं ?
जैसे बोओगे वही तो काटोगे
लगाओगे बीज काँटों के तो -फूल कहाँ से पाओगे
क्यों नहीं समझते की ये कांटे नहीं- कर्मफल हैं …..!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान