कर्मनाशी
🙏🙏🙏🙏सादर प्रणाम🙏🙏🙏
💐💐💐कुण्डलिया निवेदन 💐💐💐
कर्म नाश खुद ही करे, दोष धरे तकदीर ।
किस्मत भी तो क्या करे ,आलस में ही धीर।।
आलस में ही धीर , स्वप्नमय महल बनाते
बनते सौ सौ बार, सौ बार ही ढह जाते
कह भूधर कविराय , जो टोके वो बेशर्म
होनी होकर होय , फेर करूँ क्यों मैं कर्म
भवानी सिंह ‘भूधर’
बड़नगर, जयपुर