कर्ता-धर्ता
बिटिया के विवाह के एक रात पहले सारे रिश्तेदार इकठ्ठे थे और पार्टी जोरों पर थी ।
सब तरफ से चीयर्स – चीयर्स की आवाज़ आ रही थी , महिला क्या पुरुष क्या सब सब सुरूर में थे ।
” अरे भाई ! खाना लग चुका है आप सब आ जायें बिटिया की माॅं ने सबसे कहा । ”
किसी को कुछ सुनाई नही दे रहा था डीजे की धुन पर सब डांस करने में मस्त थे ।
” उन लोगों को छोड़ो पहले सारे स्टाफ को बोलो खाना खाने के लिए हमारे कर्ता-धर्ता यही लोग हैं , सुबह फिर से काम करना है इन्हें…ये बिटिया के पिता की आवाज़ थी । ”
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 06/01/2022 )