Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

कर्जदार हो तुम।

कर्जदार हो तुम।

घिर आई शाम अब,
घर से बाहर मत निकलो
जो नियम तुम्हारे लिए,
तुम सिर्फ उसी पर चलो।

अपने दिलकी बात कोई,
किसी से मत कहो।
होगी ख़ुशी रात कोई,
इस सोच में मत रहो।

हो लड़की तुम,
ऊँचा मत बोलो।
लड़कों से न कभी,
खुद को तोलो।

न कोई मंजिल तुम्हारी,
न कोई राह तुम्हारी।
न कोई सोच तुम्हारी,
न कोई चाह तुम्हारी।

परिवार और समाज के, कायदों को मानो।
किताबों को तो बस,
किताबों तक जानो।

अगर कहलाना शरीफ,
तो चुप रहो।
मुशीबत में रहो शांत,
शान्त रूप रहो।

लड़की का जन्म लेकर,
तुम कर्जदार हो गई।
अधिकार भूल जाओ,
तुम फ़र्जदार हो गई।

कई कर्ज़ चुकाओगी तुम
माँ-पिता,घर-परिवार के,
हैं कर्ज बहुत तुम पर,
समाज की दीवार के।

शर्म रखो हमेशा,
शर्मदार हो तुम।
मत भूलो कभी ये,
कर्ज़दार हो तुम।

प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
सर्वाधिकर सुरक्षित
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78

2 Likes · 64 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🙅ओनली पूछिंग🙅
🙅ओनली पूछिंग🙅
*प्रणय*
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
Shyam Sundar Subramanian
कागज का रावण जला देने से क्या होगा इस त्यौहार में
कागज का रावण जला देने से क्या होगा इस त्यौहार में
Ranjeet kumar patre
बंटवारा
बंटवारा
Shriyansh Gupta
ज़िन्दगी में पहाड़ जैसी समस्याएं होती है पर,
ज़िन्दगी में पहाड़ जैसी समस्याएं होती है पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तू उनको पत्थरों से मार डालती है जो तेरे पास भेजे जाते हैं...
तू उनको पत्थरों से मार डालती है जो तेरे पास भेजे जाते हैं...
parvez khan
चलो रे काका वोट देने
चलो रे काका वोट देने
gurudeenverma198
ସେହି ଲୋକମାନେ
ସେହି ଲୋକମାନେ
Otteri Selvakumar
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
शायरी
शायरी
Sandeep Thakur
"नन्नता सुंदरता हो गई है ll
पूर्वार्थ
इंतज़ार
इंतज़ार
Dipak Kumar "Girja"
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
******** रुख्सार से यूँ न खेला करे ***********
******** रुख्सार से यूँ न खेला करे ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पता नहीं लोग क्यूँ अपने वादे से मुकर जाते है.....
पता नहीं लोग क्यूँ अपने वादे से मुकर जाते है.....
shabina. Naaz
"समय का भरोसा नहीं है इसलिए जब तक जिंदगी है तब तक उदारता, वि
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
हमें पदार्थ से ऊर्जा और ऊर्जा से शुद्ध चेतना तक का सफर करना
हमें पदार्थ से ऊर्जा और ऊर्जा से शुद्ध चेतना तक का सफर करना
Ravikesh Jha
अन्याय करने से ज्यादा बुरा है अन्याय सहना
अन्याय करने से ज्यादा बुरा है अन्याय सहना
Sonam Puneet Dubey
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (हास्य कुंडलिया)
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
भूमकाल के महानायक
भूमकाल के महानायक
Dr. Kishan tandon kranti
!...............!
!...............!
शेखर सिंह
गर्म दोपहर की ठंढी शाम हो तुम
गर्म दोपहर की ठंढी शाम हो तुम
Rituraj shivem verma
If our kids do not speak their mother tongue, we force them
If our kids do not speak their mother tongue, we force them
DrLakshman Jha Parimal
मतलब का सब नेह है
मतलब का सब नेह है
विनोद सिल्ला
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
Dr fauzia Naseem shad
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
4805.*पूर्णिका*
4805.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी सीरीज एक जब तक है जां
जिंदगी सीरीज एक जब तक है जां
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अच्छा ख़ासा तवील तआरुफ़ है, उनका मेरा,
अच्छा ख़ासा तवील तआरुफ़ है, उनका मेरा,
Shreedhar
कर (टैक्स) की अभिलाषा
कर (टैक्स) की अभिलाषा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...