करो मेहनत,
तुम करो मेहनत अभी से, लक्ष्य हो परहित तुम्हारा,
देश की हो सहज सेवा, धर्म होता है हमारा |
एक जुट हो कर करेंगे, फल तभी हमको मिलेगा,
है यही उद्देश्य सबका, हो, प्रगति ढूढें किनारा |
तुम करो मेहनत अभी से, लक्ष्य हो परहित तुम्हारा,
देश की हो सहज सेवा, धर्म होता है हमारा |
एक जुट हो कर करेंगे, फल तभी हमको मिलेगा,
है यही उद्देश्य सबका, हो, प्रगति ढूढें किनारा |