करेें कत्ल बेबाक
करें कत्ल बेबाक जो…,नैनों से हर बार ।
उन्हे जरूरत ही कहाँ,रखने की तलवार ।।
संगत अच्छी के मिलें,. अगर समूचे मित्र ।
हो जाता निर्माण फिर,अपने आप चरित्र ।।
रमेश शर्मा
करें कत्ल बेबाक जो…,नैनों से हर बार ।
उन्हे जरूरत ही कहाँ,रखने की तलवार ।।
संगत अच्छी के मिलें,. अगर समूचे मित्र ।
हो जाता निर्माण फिर,अपने आप चरित्र ।।
रमेश शर्मा