करूं तो विश्वास अब किस पर कैसे करूं
इस दिल को छाले अपनो ही ने तो दिये
जब-तब नमक भी उस पर छिड़क दिये
करूं तो विश्वास अब किस पर कैसे करूं
मरूं तो कैसे मरूं ज़ख्म बहुत गहरे दिये।।
मधुप बैरागी
इस दिल को छाले अपनो ही ने तो दिये
जब-तब नमक भी उस पर छिड़क दिये
करूं तो विश्वास अब किस पर कैसे करूं
मरूं तो कैसे मरूं ज़ख्म बहुत गहरे दिये।।
मधुप बैरागी