करवा चौथ
ये आ गया फिर करवा चौथ सुहाग की निशानी का
लम्बी उम्र पतियों की हो पत्नियों की मेहरबानी का
ये आ गया फिर करवा चौथ..……………………..
दिन भर रहें भूखी सभी करें गणपति की अराधना
लम्बी उम्र हो पति की करें दीपक जलाकर साधना
ये व्रत है बना त्यौहार सा बाजारों में खर्चे-पानी का
ये आ गया फिर करवा चौथ……………………….
बेचारे पति क्या करें आखिर लम्बी उम्र की बात है
किस-किस की कहूँ व्यथा मैं सबके यही हालात हैं
जेबें खाली कर देता है देखो ये खर्चा मनमानी का
ये आ गया फिर करवा चौथ………………………
वो चाँद देखती है शौंक से और पति तारे गिनते है
ये दिल पे अपने हाथ रख बस सारी बातें सुनते हैं
ऐसे लगता जैसे कि दिन आया उनकी कुर्बानी का
ये आ गया फिर करवा चौथ……………………..
व्रत होने तक नित रोज ही ये तेवर नए दिखाएँगी
चाँद का दीदार कर उसके बाद ही खाना खाएँगी
मना करो जो व्रत से तो धरें रौद्र रूप भवानी का
ये आ गया फिर करवा चौथ……………………..
‘विनोद’ की भी विडम्बना ये सब करना पड़ता है
यमराज से पहले उसे भी बीवी से डरना पड़ता है
दीदार जो करना है उसको भी दुल्हन दिवानी का
ये आ गया फिर करवा चौथ……………………..
लम्बी उम्र पतियों की हो………………………….
सभी बेचारे पतियों और मेहरबान पत्नियों को करवा चौथ की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ🤗😇🙏🙏
स्वरचित
( विनोद चौहान )