Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2024 · 1 min read

“करने वाला था नहीं, कोई दुआ-सलाम।

“करने वाला था नहीं, कोई दुआ-सलाम।
ख़ामोशी की बज़्म में, नादिम हुआ क़लाम।।”

😢प्रणय प्रभात😢

1 Like · 75 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
उसकी सूरत में उलझे हैं नैना मेरे।
उसकी सूरत में उलझे हैं नैना मेरे।
Madhuri mahakash
प्रेम भरी नफरत
प्रेम भरी नफरत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
बारिशों  के  मौसम  में
बारिशों के मौसम में
shabina. Naaz
हमारी शाम में ज़िक्र ए बहार था ही नहीं
हमारी शाम में ज़िक्र ए बहार था ही नहीं
Kaushal Kishor Bhatt
रुख के दुख
रुख के दुख
Santosh kumar Miri
जिसको चाहा है उम्र भर हमने..
जिसको चाहा है उम्र भर हमने..
Shweta Soni
हां मैं ईश्वर हूँ ( मातृ दिवस )
हां मैं ईश्वर हूँ ( मातृ दिवस )
Raju Gajbhiye
कर्म हमारे ऐसे हो
कर्म हमारे ऐसे हो
Sonam Puneet Dubey
तुम्हारी चाहतों का दामन जो थामा है,
तुम्हारी चाहतों का दामन जो थामा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घर से निकालकर सड़क पर डाल देते हों
घर से निकालकर सड़क पर डाल देते हों
Keshav kishor Kumar
उम्दा हो चला है चाँद भी अब
उम्दा हो चला है चाँद भी अब
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मेंरे प्रभु राम आये हैं, मेंरे श्री राम आये हैं।
मेंरे प्रभु राम आये हैं, मेंरे श्री राम आये हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
4886.*पूर्णिका*
4886.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बदला है
बदला है
इंजी. संजय श्रीवास्तव
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
The_dk_poetry
स्त्री:-
स्त्री:-
Vivek Mishra
कातिल है अंधेरा
कातिल है अंधेरा
Kshma Urmila
लहर तो जीवन में होती हैं
लहर तो जीवन में होती हैं
Neeraj Agarwal
*प्रभु पर विश्वास करो पूरा, वह सारा जगत चलाता है (राधेश्यामी
*प्रभु पर विश्वास करो पूरा, वह सारा जगत चलाता है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
मजदूर
मजदूर
Namita Gupta
इश्क़ का क्या हिसाब होता है
इश्क़ का क्या हिसाब होता है
Manoj Mahato
आदमी  उपेक्षा का  नही अपेक्षा का शिकार है।
आदमी उपेक्षा का नही अपेक्षा का शिकार है।
Sunil Gupta
#विषय नैतिकता
#विषय नैतिकता
Radheshyam Khatik
गुज़र गये वो लम्हे जो तुझे याद किया करते थे।
गुज़र गये वो लम्हे जो तुझे याद किया करते थे।
Phool gufran
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
Dr MusafiR BaithA
..
..
*प्रणय*
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
Basant Bhagawan Roy
पिता का बेटी को पत्र
पिता का बेटी को पत्र
प्रीतम श्रावस्तवी
एक दिन उसने यूं ही
एक दिन उसने यूं ही
Rachana
Loading...