करते सब मनुहार हैं , वोट बैंक हित यार ,
करते सब मनुहार हैं , वोट बैंक हित यार,
सारी जनता त्रस्त है , प्रजातंत्र बेकार ।
प्रजातंत्र बेकार , करें जनता से मस्ती ,
राजनीति में कहीं नहीं , जनता की हस्ती ।
कह प्रवीण कविराय , चोट ये दिल पर धरते ,
जनता डाले वोट , राज ये जी भर करते ।
डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ,
सीतापुर ।