करता था सम्मान, तभी तक अपना नाता।
करता था सम्मान, तभी तक अपना नाता।
अब होता हैरान, नहीं क्यों वह इठलाता।।
है विचित्र संबंध, सुलगती देखी बाती।
दीया रहा अशान्त, मगर दिल है घबराता।।
— ननकी 20/09/2024
करता था सम्मान, तभी तक अपना नाता।
अब होता हैरान, नहीं क्यों वह इठलाता।।
है विचित्र संबंध, सुलगती देखी बाती।
दीया रहा अशान्त, मगर दिल है घबराता।।
— ननकी 20/09/2024