कमियाबी क्या है
कमियाबी क्या है
हालात में आंसू से मुस्कान तक का ही तो सफर है
कोन अपना कोन पराया
तुम्हे खबर ही तो है
हा कुछ बेबुनियाद मेरे सवाल है
है हमारी नज़रों में इन्ही सवालों का तो बवाल है
कब तक झूठ बोलूंगा खुद से
टूटे फूटे ये मेरे ये सवाल है
मै खुद की परछाई पर पर्दा गिराकर के
में पर्दे से अपनी पहचान पहचान बना बैठा
परदे में दम कुछ इस तरह घुटा
साला अपनी सोच को शमशान बना बैठा