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13 Oct 2021 · 1 min read

कमर तोड़ महंगाई

हाय महंगाई
हाय रे महंगाई
आवेला रोवाई
देखके महंगाई…
(१)
देसवा के अपना
जाने कहां पहुंचाई…
(२)
अब कइसे होई
लइकन के पढ़ाई…
(३)
हर चीज़ बेचाइल
अब खेतवो बेचाई…
(४)
इहां चली ना गुजारा
अब कहां केहू जाई…
(५)
फुटल कौड़ी नइखे
कइसे होई दवाई…
(६)
सरकार के आख़िर
कइसे करीं हम बड़ाई…
(७)
एतना लूट-खसोट
अब ना हमसे सहाई…
(८)
तनी आवे दअ चुनाव
अब ज़वाब दीहल जाई…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#जनवादीगीतकार

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
161 Views
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