कभी वाकमाल चीज था, अभी नाचीज हूँ कभी वाकमाल चीज था, अभी नाचीज हूँ क्या मैं जितना अजीज था, अब भी उतना अजीज हूँ??? -सिद्धार्थ गोरखपुरी