कभी लौट गालिब देख हिंदुस्तान को क्या हुआ है,
कभी लौट गालिब देख हिंदुस्तान को क्या हुआ है,
जिन हवाओं में कभी प्यार बहता था,
आज उन हवाओं में नफरत का ज़हर घुला है
कभी लौट गालिब देख हिंदुस्तान को क्या हुआ है,
जिन हवाओं में कभी प्यार बहता था,
आज उन हवाओं में नफरत का ज़हर घुला है