कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
अब सुनता हूँ तो, नफ़रत सी होती है ।
अब नहीं रहा मुझे, तुमसे मुहब्बत,
तेरे दिए दर्द से घुटन सी होती है ।
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
अब सुनता हूँ तो, नफ़रत सी होती है ।
अब नहीं रहा मुझे, तुमसे मुहब्बत,
तेरे दिए दर्द से घुटन सी होती है ।
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार