*कभी बरसात है (घनाक्षरी)*
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कभी बरसात है (घनाक्षरी)
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बार-बार देखिए चमत्कार ईश्वर के
जिसने बनाया यहाँ, दिन और रात है
नदियों-पहाड़ों-झरनों को देख लगता है
जैसे बड़ी यह एक कोई करामात है
कठपुतली-समान खेल यहाँ चल रहा
हानि और लाभ कहॉं,किसकी औकात है
छह-छह ऋतुओं को देख होता अचरज
जाड़ा कभी गरमी है, कभी बरसात है
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रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.)
मोबाइल 9997615451