कभी तो तुम मिलने आया करो
कभी तो तुम मिलने आया करो।
कभी तो तुम प्यार जताया करो।।
इंतजार करती रहती हूं मै तेरा।l,
दिल नहीं लगता अब कहीं मेरा।
बादल बरसे फिर भी प्यासी हूं,
तुम्हारे होते हुए भी मै तरसी हूं।
दिल मेरा और न दुखाया करो,
कभी तो तुम प्यार जताया करो।।
धड़कने ऐसी धड़कती रहती है,
जैसे कोई तेज हवाएं चलती है।
खाने पीने को मन न करता है,
तुमसे मिलने को मन करता है।
कभी तो हालचाल पूछ जाया करो,
कभी तो तुम मिलने आ जाया करो।।
जब कोई सखि सावन के गीत गाती है,
मुझको तनिक भी वह नही भाती है।
संध्या को जब सूरज डूबने लगता है,
मेरा मन भी उसे देख डूबने लगता है।
आकर मेरे दिल का चिराग जलाया करो,
कभी तो तुम मेरे से मिलने आ जाया करो।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम