कब मेरी सुधी लोगे रघुराई
है प्रभु रघुराई मेरे
सुन लो,सुन लो मेरी पुकार।
मै हूँ तेरे चरणों की दासी
तेरे एक दरस की प्यासी।
कब दर्शन देकर मुझको
मेरे इस जीवन पर अपनी
कृपा दृष्टि करोगे।
कब करोगे है रघुराई
मेरे जीवन का उद्धार।
सबकी सुधी लेते हो रघुराई
कब मेरी सुधी तुम लोगे ।।
छूकर आपने अहिल्या को
पाप से मुक्त किया था।।
सबरी के झूठे बेर खाकर
उनको मान दिया था।।
भक्त के रूप हनुमान को
सबसे ऊँचा स्थान दिया था।।
रावण जैसे पापी को मारकर
पाप से मुक्त किया था।
देकर अपने चरणों मै जगह
रावण को भी मोक्ष मे स्थान दिया था।
जो भी आपके शरण में आया
उस पर आपने कृपा लहराया।
मै भी हूँ आपके शरण में
अब मुझपर भी कृपा कर दो रघुराई।
अब मेरी भी सुधी ले लो रघुराई
अब मेरी भी सुधी ले लो रघुराई।
~अनामिका