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22 Jan 2021 · 1 min read

कब टोपी का रंग बदल लें

कब अपने बोल बदलें कब ये अपना ढंग बदल लें
नेताओं का क्या भरोसा कब टोपी का रंग बदल लें

ये तो हैं उंट की तरह पता नहीं किस करवट पे बैठें
कब किस पाले मे जा बैठें कब ये अपना संग बदल लें

फेकम फांक वादे करके कब अपनी कथनी से मुकरें
ये स्वयं हितकारी प्राणी कब गिरगिट सा रंग बदल लें

Language: Hindi
1 Like · 6 Comments · 332 Views
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