कब गुज़रा वो लड़कपन,
कब गुज़रा वो लड़कपन,
कब हम हुए जवान
मिले बुढ़ापे में कहाँ,
ज़िन्दगी के निशान
– महावीर उत्तरांचली
कब गुज़रा वो लड़कपन,
कब हम हुए जवान
मिले बुढ़ापे में कहाँ,
ज़िन्दगी के निशान
– महावीर उत्तरांचली