✍️कबीरा बोल…✍️
.✍️कबीरा बोल…✍️
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मन खोजे चारो ओर सत्
पर खुद अंदर झांक ना पाय ।
बोल जिव्हा के खुद तोल ना पाय
दूजे कटु वानी सुन पीड़ा करे।।
जग जग कर आय तू सैर
कहीन मिल पाय कोय बैर।
देखन तन सारा मैल ही मैल
प्रीत कसौटी पर जो होय खड़ा ।।
हीन भावन मानस करी नीच
कोई दुजा ना पाय हो उच ।
कद आकन कम,अपन छोटी सोच
चादर छोटी देख दूजे काटन जात ।।
कबीरा बोल घूमे घर घर
काया जाग पर चित सोय पल ।
कर्म करे खल,नित् नये छल
चक्षु बंद रख,अपने जग खोय खोय ।।
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✍️”अशांत”शेखर✍️
०४/०६/२०२२