कबीरा गर्व न कीजिये उंचा देखि आवास।
कबीरा गर्व न कीजिये उंचा देखि आवास।
काल परौ भुंइ लेटना उपर जमती घास।।
कबीरदास कहते है कि अपने ऊँचे ऊँचे आवास पर गर्व नहीं करना। चाहिए। क्योंकि समय परिवर्तन होने पर कल तुम्हें जमीन पर घास के ऊपर लेटना पड़े। अर्थात किसी व्यक्ति को किसी भी बात या वस्तु पर घमण्ड नहीं करना चाहिये क्योंकि समय परिवर्तन होने पर सब कुछ क्षण भर में नष्ट हो जाता है।
जय हिंद