Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2023 · 1 min read

#कबित्त


● मेरी मातृभाषा पंजाबी और राष्ट्रभाषा हिन्दी है ; मैं दोनों भाषाओं में लिखता हूँ। प्रस्तुत रचना पंजाबी भाषा में है। और हाँ, लिपि देवनागरी है।●

★ #कबित्त ★

ठीया नहीं वणज वपार दा
दिल घर है मेरे यार दा
मरज़ी दा मालक है यार मेरा
मालक सारे संसार दा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

वाढी मगरों लग्गियां ने इक्को जेहियां ढेरियां
चीचो-चीच गंढेरियां
दो तेरियां दो मेरियां
एक्का दूजा रूप है सच्ची सरकार दा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

कौण लगावे कौण बुझावे
कौण विगाड़े कौण बणावे
ओधरों कड्ढे एधर पावे
एह कंम है सब करतार दा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

वड्डयां दी विच उडीकां रहिए जी
जी आयां नूं कहिए जी
ढुक गोडे नाल बहिए जी
चरनां दी सेवा सुख मंनिए संसार दा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

मेरा होवे जां तेरा होवे
अगला हर दिन सुनहरा होवे
दिलां ते न कोई पहरा होवे
तेरा-मेरा दिल एहो पुकारदा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

पक्खे दी गोली है पौण
खून दे रिश्ते वड्ढे कौण
अक्खां चों सुरमा कड्ढे कौण
अक्खीं डिट्ठी मक्खी नहीं कोई डकारदा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

कविता छड्ड मैं कहे कबित्त
झूठे न होवण किसे दे मित्त
अखीर होसी सच दी जित्त
विच चुराहे फुट जाऊ भांडा झूठे परचार दा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

‘वेद’ विचारे नूं वडयाये कौण
डिग्गे नूं भुंजयों चाये कौण
रोंदे नूं चुप कराए कौण
कौण जो सांभे मौका बनण सरदार दा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . . ।

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Hindi
84 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सत्ता परिवर्तन
सत्ता परिवर्तन
Shekhar Chandra Mitra
कैसे वोट बैंक बढ़ाऊँ? (हास्य कविता)
कैसे वोट बैंक बढ़ाऊँ? (हास्य कविता)
Dr. Kishan Karigar
जाती नहीं है क्यों, तेरी याद दिल से
जाती नहीं है क्यों, तेरी याद दिल से
gurudeenverma198
वृद्धों को मिलता नहीं,
वृद्धों को मिलता नहीं,
sushil sarna
पाश्चात्य विद्वानों के कविता पर मत
पाश्चात्य विद्वानों के कविता पर मत
कवि रमेशराज
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
वैवाहिक चादर!
वैवाहिक चादर!
कविता झा ‘गीत’
नया
नया
Neeraj Agarwal
बांते
बांते
Punam Pande
फागुन की अंगड़ाई
फागुन की अंगड़ाई
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कोरोना का रोना! / MUSAFIR BAITHA
कोरोना का रोना! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
#दोहा :-
#दोहा :-
*Author प्रणय प्रभात*
*पचपन का तन बचपन का मन, कैसे उमर बताएँ【हिंदी गजल/गीतिका 】*
*पचपन का तन बचपन का मन, कैसे उमर बताएँ【हिंदी गजल/गीतिका 】*
Ravi Prakash
رام کے نام کی سب کو یہ دہائی دینگے
رام کے نام کی سب کو یہ دہائی دینگے
अरशद रसूल बदायूंनी
आज फिर वही पहली वाली मुलाकात करनी है
आज फिर वही पहली वाली मुलाकात करनी है
पूर्वार्थ
"इफ़्तिताह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
उम्र निकलती है जिसके होने में
उम्र निकलती है जिसके होने में
Anil Mishra Prahari
बसंत का मौसम
बसंत का मौसम
Awadhesh Kumar Singh
दिल तो है बस नाम का ,सब-कुछ करे दिमाग।
दिल तो है बस नाम का ,सब-कुछ करे दिमाग।
Manoj Mahato
बेवफा
बेवफा
नेताम आर सी
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
चार यार
चार यार
Bodhisatva kastooriya
ग़म
ग़म
Harminder Kaur
आखिर वो माँ थी
आखिर वो माँ थी
Dr. Kishan tandon kranti
National Energy Conservation Day
National Energy Conservation Day
Tushar Jagawat
हर पल तलाशती रहती है नज़र,
हर पल तलाशती रहती है नज़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
2310.पूर्णिका
2310.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...