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12 Jun 2023 · 1 min read

कफस लफ़्ज़ों के

कहने को है बहुत कुछ
जिसे हम छिपाते हैं
अरमानों के आज़ाद परिंदे
को कहाँ रास आते है
कफस लफ़्ज़ों के …
इसलिए गढ़ लेते हैं किस्से दिल में
और दिल में ही फ़िर छिपाते हैं!!!!

हिमांशु Kulshreshtha

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