कपटी की संगत बड़ी दुखदाई
ह्रदय परिवर्तन नहीं होता आजकल लोगों का ,
हां ! एक भ्रम सा जगा दिया जाता है गैरों के मन में ,
के हम सुधर गए ,मगर सुधरे हुए नहीं होते ।
वोह अचानक कब डंक मार देंगे पता भी नहीं चलेगा ।आपको संभलने का मौका भी नहीं मिलेगा ।
सच है यही आज का इंसान विषैले नाग से भी अधिक
भयंकर है ।कपटी इंसान बहुत खतरनाक होता है ।
जनाब ! ऐसे लोगों से भगवान ही बचाए।