Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Oct 2024 · 1 min read

*कन्या पूजन*

कन्या पूजन
नवदुर्गा नवरुपों में श्रृंगार किये घर आँगन महका देती।
सुंदर छबि सौम्य रूप में,लंगूर भी आगवानी करते।
कन्या पूजन छू लो चरण भक्ति भाव से पूजन अर्चन।
आहवान करते माँ तुम्हें बुलाते घर घर गलियों में घूमते जाते।
नन्हें नन्हें चरण घुलवाते छूकर चरण रज माथे पर लगाते।
कुंकुम ,रोली चंदन टीका लगा शुद्ध आसन पर बैठाते।
नौं स्वरूप देवियों के पांव पखार लाली महावर लगाते।
सिर पर लाल चुनरिया ओढा कर नवदुर्गाओं की आरती उतारते।
हलवा ,पूड़ी ,चना ,खीर प्रसादी प्रेमभाव से उन्हें ख़िलाते।
श्रद्धा भक्ति पूजन अर्चन कर दान दक्षिणा उपहार दिलाते।
चरण स्पर्श कर क्षमा याचना सहित हाथ जोड़ विदा कराते।
नवरात्रि पर्व पर नवदुर्गा नवरुपों में देवी दर्शन का लाभ उठाते।
आने वाले सालों में फिर से आने की मैया से कहते जाते।
धन धान्य से पूरित जीवन मनोरथ पूर्ण होने का वरदान मांगते।
हर संकट से बचाये रखने की मनवांछित फल वरदान पाते।
प्रेम से बोलो जय माता दी सारे मिलकर जयकारा लगाते।
🙏🌹🚩🌹🚩🌹🚩🌹🚩🌹🚩🌹🚩🌹🚩🌹🚩🌹🚩 जय माता दी
शशिकला व्यास शिल्पी

34 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अक्का देवी
अक्का देवी
Dr.Pratibha Prakash
मैं भी आज किसी से प्यार में हूँ
मैं भी आज किसी से प्यार में हूँ
VINOD CHAUHAN
उद्देश और लक्ष्य की परिकल्पना मनुष्य स्वयं करता है और उस लक्
उद्देश और लक्ष्य की परिकल्पना मनुष्य स्वयं करता है और उस लक्
DrLakshman Jha Parimal
उपहास
उपहास
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
ख़ामोश इन निगाहों में
ख़ामोश इन निगाहों में
Dr fauzia Naseem shad
ट्रेन संख्या १२४२४
ट्रेन संख्या १२४२४
Shashi Dhar Kumar
महफ़िल जो आए
महफ़िल जो आए
हिमांशु Kulshrestha
पिता
पिता
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
आजादी (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष)
आजादी (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष)
पंकज कुमार कर्ण
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
Kanchan Alok Malu
"छोटे से गमले में हैं संभलें पौधे ll
पूर्वार्थ
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
दीपावली उत्सव
दीपावली उत्सव
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रातों की तन्हाई में
रातों की तन्हाई में
इशरत हिदायत ख़ान
श्रंगार के वियोगी कवि श्री मुन्नू लाल शर्मा और उनकी पुस्तक
श्रंगार के वियोगी कवि श्री मुन्नू लाल शर्मा और उनकी पुस्तक " जिंदगी के मोड़ पर " : एक अध्ययन
Ravi Prakash
3736.💐 *पूर्णिका* 💐
3736.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रक्खा था ख्वाब आंखों में अपनी संभाल कर ।
रक्खा था ख्वाब आंखों में अपनी संभाल कर ।
Phool gufran
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
Kshma Urmila
मैं बनारस का बेटा हूँ मैं गुजरात का बेटा हूँ मैं गंगा का बेट
मैं बनारस का बेटा हूँ मैं गुजरात का बेटा हूँ मैं गंगा का बेट
शेखर सिंह
उम्मीद अगर बहुत ज़्यादा होती है
उम्मीद अगर बहुत ज़्यादा होती है
Ajit Kumar "Karn"
पाते हैं आशीष जो,
पाते हैं आशीष जो,
sushil sarna
नफसा नफसी का ये आलम है अभी से
नफसा नफसी का ये आलम है अभी से
shabina. Naaz
"अकाल"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
SATPAL CHAUHAN
"कदम्ब की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
4) धन्य है सफर
4) धन्य है सफर
पूनम झा 'प्रथमा'
*आवागमन के साधन*
*आवागमन के साधन*
Dushyant Kumar
🙅आज का दोहा🙅
🙅आज का दोहा🙅
*प्रणय*
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
Loading...