*कन्या पूजन*
कन्या पूजन
नवदुर्गा नवरुपों में श्रृंगार किये घर आँगन महका देती।
सुंदर छबि सौम्य रूप में,लंगूर भी आगवानी करते।
कन्या पूजन छू लो चरण भक्ति भाव से पूजन अर्चन।
आहवान करते माँ तुम्हें बुलाते घर घर गलियों में घूमते जाते।
नन्हें नन्हें चरण घुलवाते छूकर चरण रज माथे पर लगाते।
कुंकुम ,रोली चंदन टीका लगा शुद्ध आसन पर बैठाते।
नौं स्वरूप देवियों के पांव पखार लाली महावर लगाते।
सिर पर लाल चुनरिया ओढा कर नवदुर्गाओं की आरती उतारते।
हलवा ,पूड़ी ,चना ,खीर प्रसादी प्रेमभाव से उन्हें ख़िलाते।
श्रद्धा भक्ति पूजन अर्चन कर दान दक्षिणा उपहार दिलाते।
चरण स्पर्श कर क्षमा याचना सहित हाथ जोड़ विदा कराते।
नवरात्रि पर्व पर नवदुर्गा नवरुपों में देवी दर्शन का लाभ उठाते।
आने वाले सालों में फिर से आने की मैया से कहते जाते।
धन धान्य से पूरित जीवन मनोरथ पूर्ण होने का वरदान मांगते।
हर संकट से बचाये रखने की मनवांछित फल वरदान पाते।
प्रेम से बोलो जय माता दी सारे मिलकर जयकारा लगाते।
🙏🌹🚩🌹🚩🌹🚩🌹🚩🌹🚩🌹🚩🌹🚩🌹🚩🌹🚩 जय माता दी
शशिकला व्यास शिल्पी✍