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30 May 2024 · 1 min read

कद्र माँ-बाप की जिसके आशियाने में नहीं

कद्र माँ-बाप की जिसके आशियाने में नहीं
उसके जैसा बेगैरत इस जमाने में नहीं
जो तौहीन करता हैं माँ-बाप की बुढ़ापे में
उसके जैसा कोई निर्लज्ज जमाने में नहीं

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