*कदम*
क्षणिकाएं
पकड़ लो हाथ तुम मेरा/
मिला लो कदम से कदम /
बस कुछ यूँ हमदम/
दूर क्षितिज में मिलते हो/
ज्यों धरा और गगन।
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चाहत में तेरी/
बढ़ गए जो कदम/
हम ना इस जहाँ के रहे/
ना उस जहाँ के सनम।
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प्रेम था सच्चा/
तभी बढ़े यूँ कदम/
आँखो से तेरी/
देखें इस जहाँ को हम/
मिलन हो ऐसा/
जैसे मिले खुशबू से पवन।
23मई2022 6:17pm
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✍माधुरी शर्मा मधुर
अंबाला हरियाणा।