कदम आगे बढ़ाना
गीतिका
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कदम आगे बढ़ाना अब न रुकना।
मुसीबत से भरी हर बात सहना।
चुभेंगे शूल तीखे से कभी जब।
कभी परवाह मत करना न झुकना।
कहेंगे लोग बातें व्यर्थ की कुछ।
जमाना कुछ कहे चिन्ता न करना।
कभी ठोकर लगेगी पांव में भी।
जरा रुककर सँभलना मत ठिठकना।
मिलेंगे शब्द सुनने को अप्रियकर।
सभी स्वीकार मत करना समझना।
कभी मतभेद हो जाएं सहज ही।
मुझे मत छोड़ना तुम साथ दिखना।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य