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12 May 2024 · 1 min read

कत्ल करके हमारा मुस्कुरा रहे हो तुम

कत्ल करके हमारा मुस्कुरा रहे हो तुम,
बड़े जालिम हो जो ऐसे इतरा रहे हो तुम।

निगाह भर भी न देखा हमने तुमको, और तुम महफ़िल से उठकर जा रहे हो तुम।

कहते थे कि साथ रहेंगे मरते दम तक,
ये कैसे वादा निभा रहे हो तुम।

तुम्हारे लिए ही धड़कता है ये दिल,
क्यों इसको तड़पा रहे हो।

गुनाहगार हो तुम ये जानते हो तुम भी,
इसलिए हमसे नजरें चुरा रहे हो तुम।

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