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26 Sep 2022 · 1 min read

कठोर से कठोर

कभी कंचों से खेलती हूं
कभी ओस की बूंदों से
कठोर से कठोर वस्तुयें
कठोर से कठोर वाणी
कठोर से कठोर वचन
अब मेरा दिल नहीं तोड़ते
कोई समझ नहीं पायेगा पर
इस कदर कोमल बन चुकी हूं मैं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 213 Views
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