कजरी गीत
याद
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याद सताबै बड़ी ,
बिरन तेरी याद सताबै बड़ी ।
०
झरर-झरर झर सामन बरसै, सँग बरसें मम नैना ,
बहुत रुबामें याद करूँ जब, भैया तेरे बैना ,
कब आबैगौ मिलबे मोते, जोहूँ रे बाट खड़ी ।
बिरन तेरी याद सताबै बड़ी ।।1
०
बेदरदी ते भेज दई मैं, करकै दूर पराई ,
खोज -खबर नहिं लैबै कोई, एकहि मा की जाई ,
पीहर की जब याद सताबै, लागै है फाँस गड़ी।
बिरन तेरी याद सताबै बड़ी ।।2
०
संग सहेलिन के झूलूँगी , मोय बुलालै भैया ,
याद करै नहिं बाबुल नैंकहु, निठुर भई क्यों मैया ,
संग भतीजिन के मैं खेलूँ, जोड़ कै नेहा कड़ी ।
बिरन तेरी याद सताबै बड़ी ।।3
०
ओ रे बदरा ! कह दीजो रे, बहना याद करै है,
रैना जागै सोय न पाबै, रह-रह आह भरै है ,
तड़फै लाड़ो मछरी जैसी, चढ कै अटरिया पड़ी ।
बिरन तेरी ताद सतावै बड़ी ।।4
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महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
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