कजरा लगाया तूने______(घनाक्षरी)
कजरा लगाया तूने, गजरा सजाया तूने ।
देख देख तुझको तो, दिल ललचाया है।।
माथे की यह बिंदिया, चुराए मेरी निंदिया।
रात रात भर तूने ,मुझको जगाया है।।
अधर अंगार भरे, श्रंगार गजब किया ।
जले जले हम जले, हमको जलाया है।।
सुन मेरे महबूब ,जतन किया है खूब।
हमको तो रब ने एक दूजे का बनाया है।।
राजेश व्यास अनुनय