कई रंग देखे हैं, कई मंजर देखे हैं
कई रंग देखे हैं, कई मंजर देखे हैं
हमने तो अपनों के खंजर देखे हैं
तुमने देखा होगा रेत के टीलों को
हमने तो सूखते हुए समुंदर देखे है
✍️कवि दीपक सरल
कई रंग देखे हैं, कई मंजर देखे हैं
हमने तो अपनों के खंजर देखे हैं
तुमने देखा होगा रेत के टीलों को
हमने तो सूखते हुए समुंदर देखे है
✍️कवि दीपक सरल