कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार
बस कंडक्टर सी कटे, गजब जिंदगी यार।
आना जाना कब कहीं, मंजिल बिन किरदार ।।
मुझे न जाना है कहीं ,करूं सफर नित यार।
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार।।
रमेश शर्मा
बस कंडक्टर सी कटे, गजब जिंदगी यार।
आना जाना कब कहीं, मंजिल बिन किरदार ।।
मुझे न जाना है कहीं ,करूं सफर नित यार।
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार।।
रमेश शर्मा