*कंचन काया की कब दावत होगी*
कंचन काया की कब दावत होगी
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कंचन काया की कब दावत होगी,
प्यासे दिल में कुछ तो राहत होगी।
सुंदर फूलों को छूना मुमकिन कैसे,
तोड़ा जो डाली से तो लानत होगी।
खुद से उनकी दूरी सह ना पाऊँगा,
धड़की हर धड़कन यूँ आहत होगी।
नाता उन से प्यारा सा छूटे जो गर,
बिगड़ी-बिगड़ी सी वो हालत होगी।
झौंका धोखे का छू ना पाए दामन,
जीवन मे आई वो तो आफत होगी।
मनसीरत ख्वाबों में है डरता आया,
धोखेबाजी भी तो लानत होगी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)