औरत
रुत सुहानी हुई बागों में कई फूल खिले
तितलियां शाख पे बैठी तो परिंदे भी उड़े
वरना बे रंग ही रह जाती ये दुनिया सारी
रब ने औरत से ज़माने में हसीं रंग भरे।।
©अनन्या राय पराशर
रुत सुहानी हुई बागों में कई फूल खिले
तितलियां शाख पे बैठी तो परिंदे भी उड़े
वरना बे रंग ही रह जाती ये दुनिया सारी
रब ने औरत से ज़माने में हसीं रंग भरे।।
©अनन्या राय पराशर