*ओ मेरे यार*
ओ मेरे यार
(हाइकु कविता)
✍मनीभाई”नवरत्न”
१८ मई १८ ई
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आंखे हैं चार~
मुंडेर पर खड़ी
ओ मेरे यार।
देखे संसार~
निहारे फिर मुझे
ओ मेरे यार।
प्रीत बहार~
मोहे खिला दे आज
ओ मेरे यार।
मौन पुकार~
इशारों से जताये
ओ मेरे यार।
दिल फरार~
जरा सहारा दे दे
ओ मेरे यार।
लिख करार~
भरोसा ना तुझपे
ओ मेरे यार।
बात संभार~
भरोसा ना मुझपे
ओ मेरे यार।
अजीब प्यार~
पल में दिन रात
ओ मेरे यार।
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