वो मिल्खा ही था जिसनें, उड़न सिख का उपाधि पाया था
भावपूर्ण श्रद्धांजलि मिल्खा सिंह ,????
वो मिल्खा ही था जिसनें ,
उड़़न सिख का उपाधि पाया था
जन्मा था गोविंदपुरा में ,
थोडा बचपन काटा था
माँ बाबा के संग,
कुछ ही दिन मुस्काया था
खण्डित होने की लहर,
चारों तरफ छाया था
माँ बाबा तो मारे गये
पर वह भाग आया था
पेट की भूख ने
गुड़ागर्दी उसे सीखाया था
पंरतु एक लड़की ने,
इंसानियत का पाठ पढाया था
ईमानदारी की रोटी खाने को,
सेना मे जा पहुंचा था
दस मील की दौड़ में
अवल ओ आया था
प्रशिक्षक ने उसे फिर
धावक बनाना चाहा था
मेहनत रंग दिखलाया
400 मी. की दौड़ में
राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था
ओलंपिक खेलने का
उसनें भी मौका पाया था
घर पहुंचा इंसानियत की मूरत खोजने
उसे दूसरा व्याह ले गया था
अब न जाने क्यों उसका चाहत
सिर्फ भागना हो गया था
ओलंपिक खेलने विदेश गया
वहाँ से हार आया था
अपने मन की गुस्सा से
कठिन कार्य कर पाया था
नतीजा सामने दिखा तो,
उसी ने विश्व रिकॉर्ड बनाया था
वो मिल्खा ही था जिसने,
उड़न सिख का उपाधि पाया था
‘शेखर सागर’