ओ गौरैया,बाल गीत
ओ गौरैया
बाल गीत
ओ गौरैया, तूँ सुन- सुन ,
चुगती जा दाना चुन -चुन।।
सूरज की जलती किरणें
पंख तेरे जल रहे मृदुल।
आ आँगन में बैठ हमारे,
नन्ही चिड़िया तूँ सुन- सुन।।
ओ गौरैया तूँ सुन सुन।
चुगती जा दाना सुन-सुन।।1।।
अम्मा के कोमल हाथों
नेह मिलेगा तुझे विपुल।
माँ की ममता की छैयां ,
अपने मन की बातें गुन -धुन।।
ओ गौरैया तूँ सुन-सुन।
चुगती जा दाना चुन-चुन।।2।।
कर्कश कागा बैठा मुंडेर,
मत उसकी तूँ चालें भूल।
जीवन में पग पग है धोखा,
अपने ही तूँ खुद रून – धुन।।
ओ गौरैया तूँ सुन-सुन।
चुगती जा दाना चुन-चुन।।3।।
आसमान उड़ रहे बाज,
अपनों से कर ले मिल जुल।
प्रेम सुधा रस मिले यहाँ,
. नेह यहाँ अनमोल तूँ सुन।।
ओ गौरैया तूँ सुन-सुन।
चुगती जा दाना सुन-सुन।।4।।
बागों में सूखे हैं तरुवर,
सूख रहे बेला के फूल।
देख मेरे आँगन में आकर,
दादी देती है , गुन ,सुन।।
ओ गौरैया तूँ सुन-सुन।
चुगती जा दाना चुन-चुन।। 5।।
चुन चुन कर सींचा है मैंने,
महमह करते हैं ये फूल।
मेरी बगिया मेंं तूँ आ जा,
मीठी बातें तूँ सुन-सुन।।
ओ गौरैया तूँ सुन-सुन।
चुगती जा दाना चुन-चुन।।6।।
©मोहन पाण्डेय, भ्रमर
**मेरे गीत संग्रह वंदेमातरम् में प्रकाशित
2023