ओढ दुशाला श्याम का, मीरा आर्त पुकार
ओढ दुशाला श्याम का, मीरा आर्त पुकार।
आओगे घनश्याम कब,जोगन दिल के द्वार।
जोगन दिल के द्वार, नैनपट बाट निहारें ।
आयेंगे प्रभु आज, पलक दल राह बुहारें ।
कृष्णा कृष्णा श्वांस ,रात दिन जपती माला।
जाऊं मैं किस ठौर, श्याम का ओढ दुशाला ।।
रमेश शर्मा.